बड़ी ख़्वाहिश है कोई दोस्त तो हो जो हमे याद करे,
बात कभी कभी ही सही पर जब करे तो बेहिसाब करे।
सारी ख़्वाहिशें मेरी अब तो ख़्वाब ही नज़र आते है,
अब तो कोई भी मिल जाए जिससे दोस्ती की हम फ़रियाद करे।।
~~VEER
बात कभी कभी ही सही पर जब करे तो बेहिसाब करे।
सारी ख़्वाहिशें मेरी अब तो ख़्वाब ही नज़र आते है,
अब तो कोई भी मिल जाए जिससे दोस्ती की हम फ़रियाद करे।।
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