Friday, September 9, 2016

ख़्वाहिश

बड़ी ख़्वाहिश है कोई दोस्त तो हो जो हमे याद करे,


बात कभी कभी ही सही पर जब करे तो बेहिसाब करे।



सारी ख़्वाहिशें मेरी अब तो ख़्वाब ही नज़र आते है,



अब तो कोई भी मिल जाए जिससे दोस्ती की हम फ़रियाद करे।।




~~VEER

Thursday, August 11, 2016

रिश्ते की याद


 एक रिश्ते के कुछ प्यारी बात याद कर जाते है ।
 उन लम्हों के कुछ ज़ज्बात को याद कर जाते है।।
 
 सावन के बरसात का रिश्तो को भिगोना फिर ।
 मिट्टी और पानी के मिल जाने की बात याद कर जाते है।।
 
 कुछ कदम चल तो साए भी छोड़ देते है साथ ।
 इस रिश्ते का साँसों की तरह चलना याद कर जाते है।।

 कभी कभी तो आईना भी झूठा सा लगता है।
 पर इस रिश्ते में छुपी सच्चाई याद कर जाते है।।

 ~~VEER